‘2047 तक किसानों की खेती पर होगा पूंजीपतियों का कब्जा’, राकेश टिकैत ने केंद्र पर लगाया आरोप

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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मंगलवार को पीलीभीत पहुंचे, जहां उन्होंने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सरकार को कीई राजनीतिक दल नहीं बल्कि पूंजीपति लोग सरकार चला रहे हैं. ये पूंजीपति देश के संसाधनों को खत्म करते जा रहे हैं. ये हमारे खेतों को कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं और फिर अपने लोगों को जमीनें लीज पर देना चाहते हैं. उन्होंने किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि अपनी जमीनें बचा लो नहीं तो 2047 तक किसानों की फसल खेती पर पूंजीपतियों का कब्जा होगा.

किसान नेता पीलीभीत मंडी परिसर में आयोजित महापंचायत में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. टिकैत ने कहा आजादी के 100 वर्ष पूरे होने यानी 2047 तक किसानों की जमीनों पर पूंजीवादी लोग कब्जा करके अपने लोगो को लीज पर देने जा रहे है. इसको लेकर हमे संगठित होकर आंदोलन करना होगा. सरकार किसानों को निर्धारित फसल का एमएसपी दे नहीं रही है. गन्ना मूल्य नही मिल पा रहा है और विरोध प्रदर्शन पर मुकदमा और कर दिया जा रहा है.

सिखों समाज को खालिस्तानी कहा जा रहा
किसान नेता ने कहा कि तराई क्षेत्र में सिख समाज के लोगों अलग अलग नाम से सम्बोधित किया जाता है, जिन सिख परिवारों की तीन-तीन पीढ़ियां यहां पर खपी उस समय तो ये सब नहीं था, अब उन्हें खालिस्तानियों का नाम दिया जा रहा है. यदि देश मे आरएसएस को छूट है, तो उसकी संस्थाओं में लोग जा सकते है तो किसान के संगठन में भी लोग आ सकते है, अगर विरोध किया तो धरना प्रदर्शन झेलने लिए तैयार रहना, यहां का सिख यही रहेगा. इस सिख समाज को छेड़ने की कोशिश मत करना. हमने पगड़ी बांधी है तो हम भी सिख है, हमने देश की रक्षा करेगी.

एग्रीकल्चर हड़ताल देश का मुख्य आंदोलन बनेगा, हमने कोई देश का ठेका नही लिया कि किसानी भी हम करेंगे और आंदोलन भी हम करेंगे. एक आंदोलन हमको किसानों के हित में करना पड़ेगा. प्रशासन चाहता है किसान बेवजह फंसा रहे मुकदमे लड़े और किसान बर्बाद हो, हम लोग शादी में खर्चे कम करे आपस में कम लड़ें. ये जो समय चल रहा है 2047 तक देश की आजादी का 100 वां वर्ष मनाएंगे तो व्यापारी तौर पर 70 प्रतिशत जमीन पूंजीवादियों के हाथ चली जाएगी.

ये सरकार किसान को गरीब करना चाहती है. सरकार नया क़ानून लाकर मंडी व्यवस्था को खत्म कर देना चाहती है. व्यापारियों को मंडी से बाहर खरीद के निर्देश देने के आदेश के बाद गुजरात मॉडल बनाना

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