जाने PM मोदी के 11 दिन के विशेष अनुष्ठान में क्या-क्या है शामिल?

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जाने PM मोदी के 11 दिन के विशेष अनुष्ठान में क्या-क्या है शामिल?

अयोध्या  में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम नरेंद्र मोदी  ने 11 दिनों तक विशेष अनुष्ठान करने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ट्वीट करके कहा कि ‘अयोध्या में रामलला (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा. प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है. इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं. इस समय, अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है…’

साधु-संतों ने बताया कि हिंदू परंपराओं में किसी पवित्र समारोह से पहले सभी लोग अनुष्ठान का हिस्सा बन सकते हैं. इसमें अगर अगर संभव हो तो फर्श पर सोना, जल्दी उठकर भगवान की प्रार्थना करना, जाप और ध्यान करना, शांत रहना, दिन के कुछ समय मौन रहना, कम और केवल सात्विक भोजन करना, धार्मिक ग्रंथ पढ़ना, स्वच्छता बनाए रखना और अपना काम स्वयं करना शामिल है. पीएम नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अगले 11 दिनों में इनमें से कई चीजों का पालन कर सकते हैं. वह भगवान राम से जुड़ी विभिन्न जगहों पर भी जा सकते हैं. यह भी अनुष्ठान का एक हिस्सा है कि जितना हो सके ईश्वर के साथ गहराई से जुड़ें.

पीएम मोदी ने की पंचवटी में पूजा

पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नासिक के पंचवटी क्षेत्र में गोदावरी के तट पर स्थित श्रीकलाराम मंदिर में प्रार्थना करके अपने अनुष्ठान की शुरुआत की. इस मंदिर का भगवान राम के जीवन में बहुत महत्व है. पीएम मोदी को वहां पुजारियों द्वारा गाए जा रहे भजनों में हिस्सा लेते और रामायण महाकाव्य कथा, विशेष रूप से ‘युद्ध कांड’ खंड को सुनते हुए देखा गया. जिसमें भगवान राम की अयोध्या वापसी को दिखाया गया है. उन्होंने एक अभियान के तहत मंदिर में सफाई अभियान में भी हिस्सा लिया.

अनुष्ठान में शामिल हैं ये बातें

सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी पहले से ही ध्यान और प्रार्थना के साथ-साथ अपनी दिनचर्या के हिस्से के रूप में सीमित शाकाहारी भोजन करते हैं. वह 11 दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान के हिस्से के रूप में इसका और भी सख्ती से पालन करेंगे. महंत नवल किशोर दास ने न्यूज 18 को बताया कि विचार यह है कि खुद को भगवान के प्रति समर्पित करें और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा जैसे समारोह से पहले खुद को शुद्ध करें. वहीं स्वामी दीपांकर ने को बताया कि अनुष्ठान के दौरान दिन के कुछ समय तक मौन भी रह सकते हैं और सुंदरकांड पाठ के साथ-साथ भगवान राम का जाप भी कर सकते हैं. जबकि महंत धर्म दास ने कहा कि यज्ञ भी किया जा सकता है और अनुष्ठान के दौरान व्यक्ति को एक विशेष तरीके से सोना और बैठना चाहिए. स्वामी दीपांकर ने यह भी कहा कि अनुष्ठान के दौरान किसी को अपने बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए.

‘भगवान राम के जीवन में पंचवटी का विशेष स्थान

गौरतलब है कि पंचवटी का एक विशेष स्थान है क्योंकि रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाएं यहां घटी थीं. भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी ने दंडकारण्य वन में कुछ साल बिताए थे, जो पंचवटी क्षेत्र में स्थित है. पंचवटी नाम का अर्थ है पांच बरगद के पेड़ों की भूमि. किंवदंती है कि भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया स्थापित की थी क्योंकि पांच बरगद के पेड़ों की उपस्थिति ने इस इलाके को शुभ बना दिया था. भारत में ऐसे कई स्थान हैं, जो भगवान राम और उनके वनवास में बिताए समय से निकटता से जुड़े हुए हैं. 22 जनवरी से पहले पीएम मोदी उनमें से कुछ का दौरा करने की संभावना तलाश रहे हैं.

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