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डाक विभाग में 10 वीं पास के लिए निकली भर्ती, इस तारीख से पहले करे आवेदन

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सरकारी नौकरी पाने का शानदार मौका है. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित डाकघरों में 10वीं पास के लिए सरकारी नौकरियां निकाली गई हैं। इन पदों के लिए आवेदन इच्छुक उम्मीदवार ऑफलाइन मोड में निर्धारित अंतिम तिथ 16 फरवरी तक अप्लाई कर सकते हैं। डाक विभाग के उत्तर प्रदेश सर्किल द्वारा समूह ग के अंतर्गत ड्राइवर (ऑर्डिनरी ग्रेड) के पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा 5 जनवरी 2024 को जारी भर्ती (UP Dak Vibhag Driver Recruitment 2024) अधिसूचना के अनुसार लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, गाजियाबाद, आदि समेत विभिन्न जिलों में कुल 78 पदों पर भर्ती की जानी है।

 

UP Dak Vibhag Driver Recruitment 2024: ऐसे करें आवेदन

उत्तर प्रदेश डाक विभाग ड्राइवर भर्ती (India Post UP Driver Recruitment 2024) के लिए आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट, indiapost.gov.in पर भर्ती सेक्शन में एक्टिव लिंक या नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक से सम्बन्धित भर्ती अधिसूचना PDF डाउनलोड कर सकते हैं। आवेदन के लिए अप्लीकेशन फॉर्म इसी अधिसूचना में ही दिया गया है।

 

UP डाक विभाग ड्राइवर भर्ती 2024 अधिसूचना व फॉर्म डाउनलोड लिंक

उम्मीदवारों को इस फॉर्म को भरकर और आवश्यक डॉक्यूमेंट्स की स्व-प्रमाणित प्रतियों तथा 100 रुपये के पोस्टल ऑर्डर के साथ इस पते पर जमा कराना होगा – मैनेजर (ग्रेड ए), मेल मोटर सर्विस कानपुर, जीपीओ कंपाउंड, कानपुर – 208001 (उत्तर प्रदेश)। आवेदन जमा कराने की आखिरी तारीख 16 फरवरी 2024 निर्धारित है।

 

UP Dak Vibhag Driver Recruitment 2024: आवेदन से पहले जानें योग्यता

डाक विभाग उत्तर प्रदेश सर्किल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ड्राइवर (ऑर्डिनरी ग्रेड) पदों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को किसी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और आयु आवेदन की आखिरी तारीख को 18 से 27 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार छूट दी जाएगी, अधिक जानकारी व अन्य विवरणों के लिए भर्ती (India Post UP Driver Recruitment 2024) अधिसूचना देखें।

इस बार फिर नए रंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, क्या मतलब है इसका

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला वर्ष 2019 में मोदी सरकार के चुनाव में जीत के आने के बाद पेश किया था. तब उन्हें पहली बार वित्त मंत्री बनाया गया. इसके बाद के सालों में वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश करने के दौरान उनकी साड़ी का रंग बदलता रहा. पीले से लेकर नारंगी तक. हालांकि इस बार उनका साड़ी का रंग बिल्कुल ही बदल गया. ये इस बार नीले रंग में है.

जब वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने पहला बजट पेश किया था, तब वो बैंगनी रंग की सुनहरे बॉर्डर वाली साड़ी में थीं. कहा जा सकता है कि उन्हें आमतौर पर सुनहरी जरी वाले बॉर्डर पसंद हैं.

वर्ष 2020 में जब निर्मला सीतारमण ने दूसरा बजट पेश किया था, तब वो पीले रंग या बासंती रंग की साड़ी में थीं. भारतीय परंपरा और शास्त्रों में पीले रंग को शुभ माना जाता है. इसके अलावा रंगों की खासियत देखें तो पीला रंग समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है. ऐसे में ये माना गया कि पीले रंग की साड़ी में देश का लाल बही-खाता सबके लिए खुशहाली ला सकता है.

पिछले बजट में भी वो पूरी तरह उस पारंपरिक वेशभूषा में थीं, जिसमें भारतीय महिला की गरिमा अलग ही लगती है. निर्मला तब सुनहरे लाल रंग के बॉर्डर वाली साड़ी में थीं. लाल रंग भारतीय परंपरा में शक्ति, ऊर्जा और प्यार का रंग माना जाता है. ये अधिकार का रंग भी है और तुरंत आकर्षित करने वाला भी. वैसे इस रंग को हमेशा से ताकत और आत्मविश्वास से भी जोड़ा जाता रहा है. इस बार जहां निर्मला ने लाल रंग की साड़ी पहनी वहीं उनके लाल रंग के बहीखाते की जगह टैबलेट ने ले ली.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने जब चौथा बजट पेश किया तो उनकी साड़ी पारंपरिक दक्षिण भारतीय शैली की मैरून और नारंगी रंग की थी. जिसमें मैरून कलर का बॉर्डर था और बीच का हिस्सा नारंगी. ये साड़ी उनके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व दोनों को अलग रंग दे रही थी. नारंगी रंग लाल और पीले रंग का मिश्रण है. लाल रंग से हममें दृढ़ संकल्प आता है. पीले से सात्विक प्रवृत्ति का विकास होता है. केसरिया यानी भगवा रंग जहां बीजेपी का रंग माना जाता है तो इसे हिंदूत्व से जुड़ा पवित्र रंग माना जाता है.

पिछले साल वर्ष 2023 में निर्मला सीतारमण बजट पेश करते समय विशुद्ध नारंगी रंग की साड़ी में थीं, जिसमें खास डिजाइन बना हुआ था, ये साड़ी सुनहरे और काले रंग के बॉर्डर में थी. भारतीय संस्कृति में नारंगी रंग का विशेष महत्व है. यह रंग ओज, उत्साह, प्रखरता का प्रतीक है. यह जीवन में उमंग, न्याय, निष्ठा और प्रगति का स्रोत है. हिंदू धर्म में, नारंगी को पवित्र माना जाता है और यह पवित्रता और आध्यात्मिकता को दर्शाता है.

भारतीय धर्म शास्त्रों में नीला रंग बल, पौरुष, और वीरता का प्रतीक माना जाता है.ये आध्यात्मिक रंग भी माना जाता है.इसे सकारात्मकता और आत्मविश्वास के साथ अधिकार का प्रतीक भी माना जाता है. वैसे दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोगों का पसंदीदा रंग नीला ही है.

निर्मला सीतारमण जो साड़ियां पहनती हैं वो आमतौर पर हाथ से बनाई गईं इलीकल नावलगुंडा एब्रायडरी वाली होती हैं. वैसे पिछले साल उन्होंने जो साड़ी पहनकर बजट पेश किया वो उन्हें कर्नाटक के धारवाड़ कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने उपहार में दी थी. इस बार उन्होंने ब्लू क्रीम कल जो साड़ी पहनी है वो टसर साड़ी है, इस पर कांठा का काम है. आमतौर पर वह कर्नाटक सिल्क की साड़ियां ही पहनती हैं.

हरदम साड़ी में ही नजर आती हैं. साड़ियों के रंग आमतौर पर सुर्ख होने के बावजूद चटकीले नहीं होते. आंखों को भाने वाले कोमल रंग जैसे पीला, नीला, गुलाबी, हरे जैसे रंगों में वो हैंडलूम की साड़ियां ही पहनती हैं. कई मौकों पर उन्हें छोटी-छोटी बूटियों वाली सूती साड़ी में देखा जा चुका है.

सूती साड़ियों के साथ वो कलमकारी ब्लाउज को तरजीह देती हैं. ध्यान दें तो पाएंगे कि वित्तमंत्री ज्यादा आभूषण-प्रेमी नहीं हैं. वो एक सोने का कड़ा, चेन और कानों में हल्के बुंदे पहने ही नजर आएंगी.

आंध्रप्रदेश की पोचमपल्ली साड़ी भी उन्हें खासतौर पर पसंद है. इसे इकात साड़ी भी कहते हैं, जिसमें हल्का-फुल्का बांधनी का काम दिखता है. इकात की खासियत ये है कि इसमें साड़ी पर जो काम होता है, वो ब्लर यानी हल्का पड़ा हुआ दिखता है.

कई अवसरों पर निर्मला को ब्लॉक प्रिंट की सफेद या हल्के रंग की साड़ियों में देखा गया है. सिल्क की इन साड़ियों में ओडिशा और आंध्रप्रदेश का प्रभाव दिखता है, जिसमें किनारे पर गोल्डन जरी होती है. थोड़ा और खंगाला जाए तो जामदानी साड़ी भी इनके वार्डरोब में नजर आएगी. बंगाल की खासियत जामदानी असल में महीन मलमल की बनी होती है. विभाजन से पहले ये बांग्लादेश के नारायणगंज जैसे इलाकों में बनाई जाती थी.

6000 रुपये से भी सस्ता मिल रहा 7GB रैम और 5000mAh बैटरी वाला ये Smartphone,

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अमेज़न पर एक से बढ़ कर एक डिस्काउंट का फायदा दिया जा रहा है. सेल में बड़े ब्रांड के फोन को काफी सस्ते में उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी बीच अगर सस्ते दाम वाले फोन की बात करें तो पोको C51 को अच्छी डील पर घर लाया जा सकता है. अमेज़न से मिली जानकारी के मुताबिक पोको C51 को 10,999 रुपये के बजाए 5,999 रुपये में खरीदा जा सकता है. फोन 6जीबी, 128जीबी के साथ आता है, जिसे आप काफी सस्ते में खरीद सकते हैं. एक्सचेंज ऑफर के तहत फोन पर 5,600 रुपये का डिस्काउंट मिल जाएगा.

स्पेसिफिकेशंस क तौर पर इस स्मार्टफोन में 6.52-इंच का HD+ वॉटरड्रॉप-स्टाइल नॉच डिस्प्ले दिया गया है. इसका अस्पेक्ट रेशियो 20:9 का है, और ये पीक ब्राइटनेस 400 निट्स के साथ आता है. इसमें पिक्सल डेंसिटी 296PPI और नाइट लाइट सपोर्ट मिलता है.

पोको का ये नया फोन मीडियाटेक Helio G36 SoC पर काम करता है. यह डिवाइस डुअल सिम को सपोर्ट करता है जो Android 13 (Go Edition) पर चलेगा. कंपनी का दावा है कि इसमें vRAM समेत 7GB तक रैम है. स्मार्टफोन को SD कार्ड के ज़रिए 1TB तक स्टोरेज को बढ़ाने का ऑप्शन मिलता है.

Poco C51 दो अलग-अलग कलर ऑप्शन्स, पावर ब्लैक और रॉयल ब्लू में आता है. पोको ने फोन को 4GB LPDDR4X रैम और 64GB eMMC 5.1 स्टोरेज के साथ लॉन्च किया है.

कैमरे के तौर पर Poco C51 में एक डुअल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है, जिसमें 8 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर और डेप्थ सेंसर शामिल है. वहीं सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फोन

के फ्रंट में 5 मेगापिक्सल का सेंसर दिया गया है. खास बात ये है कि पोको ने फ्रंट कैमरे में 1080p वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए सपोर्ट भी दिया है.

पावर के लिए इस फोन में 5000mAh की पॉवरफुल बैटरी दी गई है. वहीं कनेक्टिविटी के तौर पर फोन में 4G LTE, वाई-फाई, ब्लूटूथ, GPS, एक माइक्रो-यूएसबी पोर्ट और एक 3.5mm का ऑडियो जैक दिया गया हैं.

गुजरात सरकार ने अपना भवन बनाने के लिए अयोध्या में राम मंदिर के पास खरीदी जमीन, PM मोदी से है खास नाता

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अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ ही देश और दुनिया के मानचित्र पर इस शहर का महत्व बढ़ गया है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं. बीते 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. तब से यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. कई राज्यों ने सरकार श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेनें चला रही है. इस बीच देश के एक सबसे प्रमुख राज्य गुजरात ने अपने प्रदेश के श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है. गुजरात सरकार ने अयोध्या में गुजरात भवन बनाने के लिए जमीन खरीदी है. अब निकट भविष्य में महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ होंगे. गौरतलब है कि गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है.

गुजरात के लोग बड़ी संख्या में धार्मिक यात्राओं पर जाते हैं. अब बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर को देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं. ऐसे में अपने प्रदेश के पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार अयोध्या में गुजरात भवन बनाने के लिए जमीन खरीदी जा चुकी है. इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने अयोध्या में राम भक्तों के लिए जमीन ले ली है और निकट भविष्य में एक अच्छी इमारत का निर्माण किया जाएगा ताकि गुजरातियों को अच्छी सुविधाएं मिल सकें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल पहले ही अयोध्या में यह काम कर चुके हैं.

प्रमुख शहर में भवन

ज्ञात हो कि मुंबई, दिल्ली, कोलकाता सहित देश के प्रमुख शहरों में गुजरात भवन बनाया गया है, जहां आने वाले गुजराती लोगों को रियायती दर पर आवास की सुविधा प्रदान की जाती है. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई. इसके बाद अयोध्या में जमीन की कीमतें बढ़ने के साथ व्यापार में प्रगति की खबरें आ रही हैं. निकट भविष्य में होटल-रेस्तरां समेत कारोबार में भी तेजी देखने को मिल सकती है.

राज्य सरकार ने अयोध्या में गुजरात भवन के निर्माण के लिए पहले ही जमीन खरीद ली है. अब भवन को तैयार करने का कार्य निकट भविष्य में किया जाएगा. माना जा रहा है कि जिस गति से राम मंदिर का निर्माण हुआ है, उसी गति से अयोध्या में गुजरात भवन का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा. ताकि वहां जाने वाले तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके.

क्या होता है ‘अंतरिम बजट’ और कब किया जाता है पेश, यह ‘पूर्ण बजट’ से कैसे है अलग?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 1 फरवरी 2024 को जो बजट पेश करेंगी वह अंतरिम बजट होगा. आमतौर पर चुनाव से पहले अंतरिम बजट ही पेश होता है. अंतरिम बजट दो स्थितियों में पेश किया जाता है. एक या तो सरकार के पास पूर्ण या आम बजट पेश करने का समय नहीं हो. या फिर तुरंत लोकसभा चुनाव होने वाला हो. इस बार का बजट, अंतरिम बजट इसलिए होगा क्योंकि सरकार को कुछ महीने बाद चुनाव में जाना है. दोनों ही स्थितियों में सरकार नए कारोबारी साल के बचे हुए महीने के लिए खर्च की अनुमति संसद से लेती है. परंपरा के मुताबिक चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी. यह छठा मौका होगा जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. वह अपना पहला अंतरिम बजट पेश करेंगी.

प्रस्तुत किया जाएगा राजस्व-व्यय का अनुमान

मसलन, अभी 2023-24 का बजट जो सरकार ने पेश किया था उसके जरिये सिर्फ 31 मार्च 2024 तक होने वाले खर्च की अनुमति ली गई थी. क्योंकि चुनाव अप्रैल-मई में होना संभावित है. ऐसे में नई सरकार बनने और नया बजट पेश होते-होते जुलाई का महीना आ जाएगा. अंतरिम बजट आम बजट से छोटा होता है. इसमें नई सरकार के गठन तक राजस्व और व्यय के अनुमान को प्रस्तुत किया जाता है. ताकि मार्केट में निवेशकों का भरोसा बना रहे. तो अप्रैल से जुलाई यानी 4 महीने में जो खर्च होने हैं उसकी अनुमति इस बार के अंतरिम बजट के जरिये ली जाएगी. यह बजट तब तक लागू रहता है जब तक कि नई सरकार अपना नया पूर्ण बजट पेश नहीं कर देती है. अंतरिम बजट संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है, इसीलिए उसे वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है. ये 16वां अंतरिम बजट होगा.

इन मौकों पर नहीं हुआ परंपरा का पालन

परंपरा रही है कि अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाती है. फिर भी समय समय पर कई वित्त मंत्रियों ने जरूरत का हवाला देकर अंतरिम बजट में भी बड़ी घोषणाएं की हैं. यूपीए सरकार में जब वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2014-15 में अंतरिम बजट पेश किया था तो एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती की थी. अटल सरकार में 2004-05 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंंत्री जसवंत सिंह ने डायरेक्ट टैक्स में बदलाव का ऐलान जरूर किया था, लेकिन फाइनेंस बिल में बदलाव नहीं किया था. यहां एक बात जान लेना जरूरी है कि कोई कानून सरकार को अंतरिम बजट में बड़ा ऐलान करने से नहीं रोकता है.

पीयूष गोयल ने किया था ये ऐलान

पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत करने की घोषणा की थी. इस योजना के तहत केंद्र सरकार हर साल गरीब किसानों के खाते में 6000 रुपये ट्रांसफर करती है. यह रकम तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये करके दी जाती है. इसके अलावा पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत देने के भी ऐलान किया था. इसके तहत इनकम टैक्स स्लैब में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया था. वहीं, यह भी ऐलान किया गया था कि 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले लोग टैक्स सीमा के दायरे से बाहर रहेंगे.

छत्तीसगढ़ भाजपा में बड़ा बदलाव, लोकसभा चुनाव से पहले बदले गए चार जिलाध्यक्ष

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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने अपनी सजावट शुरू कर दी है। एमपी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए चार जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी अपने संगठन में कई बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश महासचिव और प्रदेश कार्यालय प्रभारी भगवानदास सबनानी के द्वारा जारी लेटर में कहा गया है कि यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू की जाती हैं। बता दें कि हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा में पार्टी ऑफिस में नेताओं से साथ बैठक की थी।

बीजेपी ने बालाघाट, बुरहानपुर, रतलाम और छतरपुर जिले में जिला अध्यक्ष की नियु्क्ति की है। इससे पहले 13 जनवरी को बीजेपी ने चार जिलों के जिला अध्यक्ष की नियुक्ति की थी। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में भी बीजेपी ने जातिगत समीकरण का पूरा ध्यान रखना है। बता दें कि एमपी में लोकसभा की 29 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में 28 सीटें आई थीं कांग्रेस को केवल छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर जीत मिली थी।

किस जिले में किसको मिली जिम्मेदारी

क्रमांक     जिले का नाम      जिला अध्यक्ष का नाम

1               बालाघाट                  राम किशोर कावरे
2              बुरहानपुर                मनोज माने
3               रतलाम                   प्रदीप उपाध्याय
4               छतरपुर                 चंद्रभान सिंह गौतम

लोकसभा चुनाव के लिए एक्टिव हुए बीजेपी

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत मिली थी। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इस बार बीजेपी ने राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। लोकसभा चुनाव से पहले जिला अध्यक्षों की घोषणा कर पार्टी विधानसभा चुनाव में नाराज नेताओं को भी मनाने की कोशिश में जुट गई है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सीएम मोहन यादव लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार दौरे और बैठकें कर रहे हैं।

जानें ज्ञानवापी परिसर में पूजा के अधिकार पर राम मंदिर के मुख्य पुजारी क्या बोले

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ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को बुधवार (31 जनवरी) को बड़ी जीत मिली. यूपी के वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया. इस बीच श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सच की जीत हुई है.

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, ”कोर्ट ने आदेश दे दिया कि पूजा होगी. पूजा का अधिकार मिलना अच्छी बात है. सच सामने आ गया है. जिन लोगों ने पूजा करने से रोका था वो गलत था. पूजा के सबूत मिलने के कारण इसकी इजाजत दी गई. ऐसे में हम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं.”

मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा, ”आज जिला न्यायाधीश ने हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार दे कर अपना अंतिम फैसला दे दिया है. अब हम इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे.”

वहीं मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता इकलाख़ अहमद ने बात करते हुए कहा कि यह आदेश कानून को नंजरअंदाज करके दिया गया है. हम इस निर्णय के खिलाफ जल्द से जल्द हाई कोर्ट जाएंगे. ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में किसी प्रकार की मूर्तियां नहीं रखी गई थी. इस कारण वहां पूजा पाठ का आदेश देना उचित नहीं.

हिंदू पक्ष ने क्या कहा?

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जिला प्रशासन जल्द से जल्द से पूजा की व्यवस्था कराएंगा, सभी लोग पूजा में हिस्सा ले सकेंगे.

कोर्ट ने क्या कहा?

अदालत ने आदेश में कहा, ”जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी/ रिसीवर को निर्देश दिया जाता है कि वह सेटेलमेंट प्लॉट नं. 9130 थाना—चौक, जिला वाराणसी में स्थित भवन के दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने, जो कि वादग्रस्त सम्पत्ति है, वादी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से पूजा, राग भोग, तहखाने में स्थित मूर्तियों का कराये. इस उद्देश्य के लिये सात दिन के भीतर लोहे की बाड़ आदि में उचित प्रबंध करें.”

पैरों से आने वाली ऐसी बदबू को न करें नजरअदाज, हो सकती है बड़ी बीमारी

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गलत खानपान और लगातार बिगड़ रही दिनचर्या हमें बीमार बना रही है. बच्चों से लेकर बड़ो तक इस वजह से बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. ऐसी ही एक बीमारी है डायबिटीज जिसे लेकर हाल ही में चौंकाने वाले फैक्ट्स सामने आए है. सबसे खतरनाक बात ये है कि अब इससे युवा और बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

कई बीमारी आने से पहले ही हमें इशारा देती हैं, अगर आप इन संकेतों को समझ लेते हैं तो आप गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं लेकिन कई बार इन संकेतों को इग्नोर करना खतरनाक हो जाता है. ऐसी ही है डायबिटीज या किडनी की समस्या..जब कभी भी आपके पैरों से सिरके जैसी महक आने लगे तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह डायबिटीज या किडनी की बीमारी के संकेत हो सकते हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़ी हर जानकारी..

क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पैरों में बहुत ज्यादा पसीना आते रहने की वजह से अक्सर सिरके जैसी दुर्गंध आने लगती है. ऐसा कई वजहों से हो सकता है. लेकिन इसे अनदेखा करना खतरनाक भी हो सकता है.

टीनएजर्स को हार्मोनल चेंज की वजह से बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है.

जो लोग डायबिटीज या फंगल इंफेक्शन जैसी समस्याओं के शिकार हो जाते हैं, उनके पसीने से भी सिरके जैसी महक आने लगती है.

अगर किसी को डायबिटीज या थायरॉयड है, तो इस मामले में भी थोड़ी थोड़ी देर में ही बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है.
हाइपरहाइड्रोसिस जो कि एक खास तरह का स्किन डिसऑर्डर होता है, की वजह से परेशान लोगों को भी बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना आने लगता है.

पैरों की दुर्गंध को कैसे दूर करें

अपनी डाइट में विटामिन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें.
रोजाना तौर पर साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें.
पैरों को दिन में दो बार पानी से अच्छी तरह से धोएं.
अच्छी क्वालिटी वाले कॉटन के मोजे ही पहनें.
शरीर में कम पसीना बने, इसके लिए बाजार में मौजूद कुछ प्रोडक्ट का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, जैसे कि एंटीपर्सपिरेंट.

RBI ने किया बड़ा ऐलान बंद होने जा रहा पेटीएम वॉलेट,अब किन तरीकों से डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे यूजर्स?

आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार (31 जनवरी) को बड़ा ऐलान किया. इसके तहत रिजर्व बैंक ने पेटीएम के खिलाफ एक्शन लेते हुए इसकी तमाम सर्विसेज पर बैन लगा दिया, जो 29 फरवरी से लागू होगी. ऐसे में पेटीएम के बैंक अकाउंट धारकों को दिक्कत होनी तय है. इसके अलावा यूजर्स पेटीएम वॉलेट, एनसीएमसी कार्ड्स और फास्टैग आदि का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. पेटीएम के वॉलेट यूजर्स की बात करें तो इनकी संख्या करोड़ों में है. ऐसे में सवाल उठता है कि इन यूजर्स के पास अब क्या विकल्प होगा? वे किन तरीकों से डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे?

क्या है आदेश?

आरबीआई ने 31 जनवरी को एक प्रेस रिलीज जारी की, जिसमें पेटीएम की सभी सर्विसेज को 29 फरवरी से बंद करने का ऐलान किया गया है. इससे सबसे बड़ा झटका पेटीएम के वॉलेट यूजर्स को लगा है. दरअसल, आंकड़ों पर गौर करें तो 2018 के दौरान करीब तीन करोड़ लोग पेटीएम के वॉलेट से पेमेंट कर रहे थे और अब तक इसमें काफी इजाफा हो चुका है. ऐसे में तमाम लोगों को डिजिटल पेमेंट के लिए दूसरे विकल्पों की ओर रुख करना पड़ेगा.

इन ऑप्शंस का इस्तेमाल कर सकते हैं यूजर्स

बता दें कि रोजाना के काम-काज के दौरान डिजिटल पेमेंट के लिए भले ही पेटीएम के वॉलेट पर रोक लगने जा रही है, लेकिन यूजर्स बेहद आसानी से दूसरे माध्यमों से डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे. अगर वॉलेट की बात करें तो यूजर्स के पास फोनपे, गूगल पे, एमेजॉन पे जैसे वॉलेट्स की सुविधा मौजूद है, जिससे वे आराम से पेमेंट कर सकेंगे.

बैंक के ऐप से भी कर सकते हैं पेमेंट

अगर यूजर्स पेटीएम की जगह किसी दूसरे पेमेंट ऐप का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो वे अपने बैंक अकाउंट वाले ऐप से भी भुगतान कर सकते हैं. दरअसल, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीएफसी, यस बैंक समेत तमाम बैंक भी अपने ऐप में स्कैनर का ऑप्शन देते हैं, जिससे यूजर्स किसी भी क्यूआर कोड को स्कैन करके पेमेंट कर सकते हैं.

हेमंत सोरेन ने ED अफसरों के खिलाफ दर्ज कराई FIR, एजेंसी ने दिल्ली के आवास में की थी छापेमारी

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. एससी-एसटी एक्ट के तहत ये शिकायत सीएम ने दर्ज कराई है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वो आदिसावी समाज से आते हैं और ईडी के अधिकारियों ने प्रताड़ित किया है. बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन कुछ घंटो के लिए दिल्ली में थे. उन्होंने शिकायत दर्ज कराई कि जब वो किसी काम से दिल्ली गए हैं तो ईडी के अधिकारी उनके घर पर क्यों आए. ईडी सीएम से उनके दफ्तर में पूछताछ कर रही है. इसके पहले ही उन्होंने रांची में एससी-एसटी सेल में खुद से शिकायत दर्ज की है.

रांची में करीब तीन घंटे से (खबर लिखे जाने तक) ईडी उनसे पूछताछ कर ही है. आवास के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. सीएम आवास के आस पास बुधवार रात 10 बजे तक धारा 144 लागू किया गया है. धारा 144 लागू होने की वजह ये यहां कार्यकर्ता-समर्थक नहीं पहुंच पाए. सूत्रों के मुताबिक, अगर उनकी गिरफ्तारी होती है तो समर्थक इस तरफ कूच कर सकते हैं. ऐसे में झारखंड पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है.सड़क दोनों तरफ से बंद हैं और वाटर कैनन की गाड़ी को तैनात किया गया है.

हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ दर्ज कराई SC-ST एक्ट में शिकायत!

सीएम ने अपनी शिकायत में कहा है कि जब उन्होंने पहले से ये बता दिया कि पूछताछ के लिए ईडी के अधिकारी 31 जनवरी को उनके आवास पर आ सकते हैं तो फिर क्यों आप दो दिन पहले ही दिल्ली में आवास पर पहुंच जाते हैं. रेड मारते हैं और चीजों को जब्त करते हैं. गैरमौजूदगी में चीजों को क्यों टटोला जाता है. आदिवासी समाज से आने के बावजूद इस तरह की हरकत क्यों की गई.

सीएम से कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ हो रही है. इससे पहले उनसे 20 जनवरी को इसी मामले में पूछताछ की गई थी. एक अधिकारी ने बताया कि उस दिन पूछताछ पूरी नहीं हो पाई थी. उस दिन सीएम सोरेन से सात घंटे से अधिक वक्त तक पूछताछ की गई थी.