भगवान राम गर्भगृह में विराजमान हुए, पीएम मोदी ने की प्राण प्रतिष्ठा

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भगवान राम गर्भगृह में विराजमान हुए, पीएम मोदी ने की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में रामलला के आगमन का इंतजार खत्म हो गया है. रामलला की अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा हो गई है, जिसके बाद भगवान राम गर्भगृह में विराजमान हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठे थे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर करने वाला है. इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा परम सौभाग्य है. जय सियाराम!’

सुनहरे रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया. प्रधानमंत्री इस दौरान अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का एक छत्र भी लेकर आए थे.

पीएम मोदी इसके बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की मूर्ति का अनावरण किया. इसके साथ ही मंगल ध्वनि के बीच राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की शुरुआत हुई.

5 साल के रामलला की भव्य 51 इंच ऊंची प्रतिमा का आखिरकार दुनिया के सामने अनावरण किया गया. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर शंखनाद से गूंज उठा, वहीं मंदिर पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई.

राम मंदिर के लिए देशभर के लोगों ने दिया दान

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर के लिए देशभर में लोगों ने दिल खोलकर दान दिया है. देश का ऐसा कोई कोना नहीं रहा है जहां से राम के लिए उपहार ना आए हों. एक बानगी गिनाते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए घंटा कासगंज से आया तो नीचे पड़ने वाली राख रायबरेली के ऊंचाहार से आई है. गिट्टी मध्य प्रदेश के छतरपुर से पहुंची तो ग्रेनाइट तेलांगाना से आया. पत्थर राजस्थान के भरतपुर से पहुंचा तो दरवाजों की लकड़ी महाराष्ट से. उस दरवाजे पर पर सोने और डायमंड का काम मुंबई के एक व्यापारी का है.

जिन्होंने बनाया वो मैसूर के हैं. गरुण की मूर्ति राजस्थान के कलाकार ने बनाई है. लकड़ी के काम के कारीगर कन्याकुमारी के हैं और कपड़े और भगवान के वस्त्र दिल्ली के एक युवक मनीष त्रिपाठी ने बनाए. आभूषण लखनऊ से बनवाए गए हैं. इनकी नक्काशी राजस्थान में हुई है. देश का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां से राम मंदिर के लिए समर्पण ना आया हो.

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