शादी से संतान तक हर मनोकामनाएं होती हैं पूरी! देश का इकलौता मंदिर, जहां पंचदेव के साथ विराजमान हैं महादेव

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सागर. यूं तो सागर में कई ऐतिहासिक देवस्थान है, लेकिन मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित पटनेश्वर धाम देश का इकलौता मंदिर है, जहां भगवान महादेव शंकर पंचदेव के रूप में विराजमान हैं. मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से भगवान भोलेनाथ धन-धान्य, संतान सुख, नौकरी, विवाह और कोर्ट कचहरी जैसे कामों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. पंचदेव में भगवान विष्णु, गणपति, देवी दुर्गा जी, सूर्य देव भगवान चार दिशाओं में और प्रधान रूप में महादेव बीच में विराजमान हैं,

यहां पर पहले घना बियावन जंगल हुआ करता था, जहां स्वयंभू महादेव प्रकट हुए थे. यहां मराठा काल में रानी लक्ष्मीबाई खेर ने भव्य मंदिर का निर्माण कराया था, रानी के द्वारा मंदिर निर्माण को लेकर कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने स्वप्न में आकर दर्शन दिए थे. इसके अलावा इस मंदिर के चारों तरफ पांच विशाल वृक्ष लगे हुए हैं, जिनके नीचे सिद्ध संत तपस्या किया करते थे, उन महंत साधुओं को लेकर भी अलग-अलग कहानी यहां पर लोगों के द्वारा सुनाई जाती है जो किसी चमत्कार से कम नहीं लगती है.

महाशिवरात्रि को लेकर यहां पर पिछले 20 दिनों से उत्सव मनाया जा रहा है जिसमें लगन तिलक जैसी रस्में निभाई गई, और महाशिवरात्रि से पहले तेल हल्दी मागर माटी की रस में निभाई गई बुधवार को महाशिवरात्रि के दिन दिन भर यहां पर भक्तों का मेला लगा रहेगा हजारों लोग दर्शनों के लिए पहुंचते हैं दिन भर यहां पर भंडारा चलेगा करीब 9 एकड़ की जगह में मेला सज गया है और दुकान लग गई है,

मंदिर समिति के राजीव हजारी बताते हैं कि पंचदेव में मुख्य रूप से सूर्य देव प्रधान होते हैं लेकिन इस दिव्य मंदिर में महादेव सरकार प्रधान है और उनकी आजू-बाजू की दिशाओं में भगवान विष्णु गणपति देवी और सूर्य देव है की वजह से यहां पूजन अभिषेक यज्ञ करने की वजह से लोगों के मनोरथ पूरे होते हैं.

मंदिर से जुड़े प्रभात चौरसिया बताते हैं कि सागर से रहली जाती समय मराठा रानी लक्ष्मीबाई खेर का यहां पर पड़ाव होता था, उन्हें भगवान ने स्वप्न में दर्शन दिए थे इसके बाद मंदिर का निर्माण कराया था और बावड़ी का निर्माण कराया था यहां पर स्वयंभू शिवलिंग है.

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