अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. इसी के मद्देनजर अयोध्या से पूजित ‘अक्षत कलश’ सभी शहरों में पहुंच रहा है. इस अक्षत को घर-घर में बांटा जा रहा है. इसका उद्देश्य हर व्यक्ति को राम मंदिर जाने के लिए निमंत्रण देना है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है.
इस बीच, केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने अगले सप्ताह राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को 8,000 से अधिक मेहमानों की उपस्थिति में अयोध्या स्थित भव्य मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में भाग लेंगे.
मंदिर में 23 जनवरी से लाखों भक्तों के आने की उम्मीद है. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह और भक्तों के आगमन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के इस शहर में व्यापक व्यवस्था की जा रही है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि अयोध्या में 120 बिस्तरों वाले अस्पताल को उन्नत किया गया है और इसमें आपातकालीन बिस्तर जोड़े गए हैं.
उन्होंने कहा कि अयोध्या में 350 बिस्तरों वाले राजर्षि दशरथ स्वायत्त राज्य मेडिकल कॉलेज को भी 50 आपातकालीन बिस्तरों सहित 200 बिस्तरों के साथ उन्नत किया गया है. चंद्रा ने कहा कि दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रॉमा सेंटर की एक टीम को 200 पैरामेडिक्स को प्रशिक्षित करने के लिए अयोध्या भेजा गया है ताकि चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति से निपटा जा सके. सरकार ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह और संबद्ध कार्यक्रमों के दौरान अयोध्या में आपातकालीन प्रतिक्रिया दल की भी तैनाती करेगी