सफेद, पीली, हरी, लाल… गाड़ियों की नंबर प्लेट, किसे मिलती है कौन-सी? जानिए

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सफेद, पीली, हरी, लाल… गाड़ियों की नंबर प्लेट, किसे मिलती है कौन-सी? जानिए

सड़कों पर दौड़ती कारों पर आपने सफेद और पीले रंग की नंबर प्लेट देखी होंगी. सफेद रंग की प्लेट प्राइवेट वाहनों के लिए होती है, जबकि पीले रंग की नंबर प्लेट कमर्शियल वाहनों के लिए होती है. इन दो रंगों के अतिरिक्त भारत में 6 अन्य तरह की नंबर प्लेटें भी होती हैं. आरटीओ की तरफ से कुल मिलाकर 8 तरह की नंबर प्लेटें जारी की जाती हैं. निजी, कमर्शियल, मिलिट्री सबके लिए नंबर प्लेट एक जैसी नहीं होती. आप केवल नंबर प्लेट देखकर पता लगा सकते हैं कि गाड़ी किसकी हो सकती है. ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते. इसलिए, आज हम आपको सभी तरह की नंबर प्लेटों और उनके रंगों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.

पहले ये जान लीजिए कि रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) द्वारा जारी की जाने वाली 8 तरह की नंबर प्लेटें कौन-सी हैं. इनमें सफेद (White), पीले (Yellow), हरे (Green), लाल (Red), नीले (Blue), काले (Black), ऊपर की तरफ तीर के निशान वाली प्लेटें (Number plate with an upward-pointing arrow), भारत के राष्ट्रीय चिह्न वाली लाल रंग की नंबर प्लेटें (Red with the emblem of India) शामिल हैं. जाहिर है यदि इनके रंग अलग हैं तो इन्हें लगाने का मकसद भी अलग ही होगा. चलिए, अब इसे भी जान ही लेते हैं.

सफेद और पीले रंग की नंबर प्लेटें

भारत में सफेद और पीले रंग की नंबर प्लेटें आमतौर पर इस्तेमाल होती हैं. सफेद रंग वाली प्लेट निजी वाहनों के लिए होती हैं. मान लीजिए आप अपने निजी इस्तेमाल के लिए एक कार लेते हैं, तो आपको सफेद रंग की नंबर प्लेट मिलेगी. इस पर सफेद बैकग्राउंड पर काले रंग के नंबर छपे होंगे. इसी तरह, पीले रंग की प्लेट कमर्शियल वाहनों के लिए होती है. यदि आप व्यापारिक मकसद से गाड़ी लेते हैं तो उसके लिए आपको पीले रंग की प्लेट मिलेगी. इसमें पीले रंग का बैकग्राउंड और काले रंग के अक्षर होंगे.

काले रंग की नंबर प्लेट

इसमें, काले रंग की नंबर प्लेट पर पीले रंग के नंबर छपे होते हैं. ये प्लेट उन्हें मिलती है, जो सेल्फ-रेंटल व्हीकल (कार या बाइक) लेते हैं. इस तरह के वाहनों को कमर्शियल वाहन माना जाता है, लेकिन ड्राइवरों को इसे चलाने के लिए कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती.

हरे रंग की नंबर प्लेट

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हरे रंग की नंबर प्लेट का इस्तेमाल होता है. इन प्लेटों में हरे रंग के बैकग्राउंड पर सफेद रंग के नंबर अंकित किए होते हैं. नंबरों का रंग भी 2 तरह का हो सकता है. निजी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हरे बैकग्राउंड पर सफेद नंबर छपे होते हैं, जबकि कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों पर हरे बैकग्राउंड पर पीले रंग के अक्षर छपे हुए होते हैं.

लाल नंबर प्लेट

शोरूम से ताजा निकले बिलकुल नए वाहनों को लाल नंबर प्लेट दी जाती है. ये टंपरेटी रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए इस्तेमाल होती हैं. लाल रंग की नंबर प्लेट बताती है कि यह नंबर परमानेंट नहीं है, लाल बैकग्राउंड पर सफेद नंबर छपे होते हैं. यह केवल 30 दिनों के लिए वैध होती है. कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां पर लाल नंबर प्लेट वाले वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं होती. मतलब, आप वाहन को तभी चला पाएंगे, जब नंबर परमानेंट होगा.

नीले रंग की नंबर प्लेट

नीली नंबर प्लेट का उपयोग उन वाहनों के होता है, जो भारत में विदेशी मिशनों और दूतावासों से संबंधित हैं. इन नंबर प्लेटों में नीले रंग के बैकग्राउंट पर सफेद नंबर होते हैं. नंबर प्लेट पर कॉन्सुलर कोर को दर्शाने के लिए सीसी (CC), संयुक्त राष्ट्र को दर्शाने वाला यूएन (UN) , डिप्लोमैट कॉर्प्स के लिए डीसी (DC) छपा होता है.

ऊपर की तरफ एरो वाली नंबर प्लेट

भारत में इस तरह की नंबर प्लेट भारतीय मिलिट्री के वाहनों को दी जाती है. इन पर काले नंबर छपे होते हैं, जबकि पीले रंग का बैकग्राउंड होता है. नंबर प्लेट जहां से शुरू होती है, वहीं सबसे पहले ऊपर की तरफ जाता हुआ तीर (एरो) का निशान होता है.

राष्ट्रीय चिह्न वाली लाल नंबर प्लेट

राष्ट्रीय चिह्न वाली लाल रंग की प्लेट वाली गाड़ियां दिल्ली की सड़कों पर ज्यादा देखने को मिलती हैं. भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक वाहन, उपराष्ट्रपति के वाहन, भारतीय राज्यों के गवर्नरों के वाहन, केंद्र शासित राज्यों के लेफ्टिनेंट जनरल (LG) के वाहन पर ये नंबर प्लेट होती है. इसके अलावा भारत सरकार में कुछ उच्च पदों के अधिकारियों के लिए भी इसी रंग की प्लेट जारी होती है. इस पर भारत के एंब्लम के साथ सफेद रंग के नंबर होते हैं, जबकि बैकग्राउंड पूरी तरह से लाल होता है.

 

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