खड़े होकर, बैठकर या लेटकर? किस तरह पानी पीना ज्यादा फायदेमंद,

मॉडर्न लाइफस्टाइल में अधिकतर लोग गिलास के बजाय बोतल से पानी पीना पसंद करते हैं. अक्सर लोग खड़े होकर पानी पीते हैं, जबकि ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. आयुर्वेद के जानकार मानते हैं कि खड़े होकर या लेटकर पानी पीने से हमारा पाचन तंत्र बिगड़ सकता है और पेट से संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अगर आप भी चलते-फिरते खड़े होकर बोतल से पानी पीते हैं, तो सावधान होने की जरूरत है. सही पोजीशन में पानी न पीने से आपकी सेहत खराब हो सकती है और आप कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. इससे बचना चाहिए.

आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लखनऊ के आयुर्वेदाचार्य डॉ. सर्वेश कुमार के मुताबिक सभी लोगों को बैठकर गिलास से धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए. आयुर्वेद में खड़े होकर या लेटकर पानी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक माना गया है. खड़े होकर पानी पीने से किडनी, लंग्स से लेकर डाइजेशन की की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई समस्या है, तो खड़े होकर पानी पीने की भूल न करें. ऐसा करने से आपकी किडनी को गंभीर नुकसान हो सकता है. यही वजह है कि आयुर्वेद में आराम से बैठकर धीरे-धीरे पानी पीने की सलाह दी गई है. लोगों को लेटकर भी पानी नहीं पीना चाहिए.

आयुर्वेद एक्सपर्ट की मानें तो खड़े होकर पानी पीने से लोगों के जॉइंट्स को भी नुकसान हो सकता है. लंबे समय तक इस आदत को अपनाने से आप घुटनों के मरीज बन सकते हैं और आपको अर्थराइटिस जैसी दर्दनाक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. खड़े होने पर लोगों के शरीर में तनाव रहता है और इस दौरान पानी पीने से शरीर में फ्लूइड बैलेंस बुरी तरह बिगड़ जाता है. इससे घुटने की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. आमतौर पर पानी पीना पेट की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र बिगड़ सकता है. जब लोग खड़े होकर पानी पीते हैं तो पानी तेजी से नीचे जाता है और पेट के निचले हिस्से में पहुंचा जाता है. इससे डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान होने लगता है.

By kavita garg

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