बदलते परिवेश में जहां आज बड़ी संख्या में लोग अपने इंस्टिट्यूट में काम कंप्यूटर और लैपटॉप (Working with Laptop) पर करते हैं, वहीं कोरोना काल के बाद से वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) ने लोगों के लैपटॉप के साथ काम करने के समय में इजाफा कर दिया है. . यह न केवल कामकाज को सुगम बनाता है, बल्कि हमें सूचनाओं से भी जोड़े रखता है. हालांकि, लैपटॉप का अत्यधिक इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. काफी सारे लोगों में लैपटॉप को गोद में रखकर ऑफिस का काम करना या मूवी देखना एक आम आदत है, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. इससे गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द हो सकता है. लंबे समय तक इसी स्थिति में बैठने से नसों पर भी दबाव पड़ सकता है.
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इसके अलावा, लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी भी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती है. खासकर गोद में रखने से गर्मी सीधे शरीर को प्रभावित करती है. इससे त्वचा जलने के साथ-साथ त्वचा कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है. लैपटॉप की रोशनी भी सेहत के लिए हानिकारक है. रात में सोने से पहले लैपटॉप का इस्तेमाल करने से नींद में खलल पड़ सकता है. इससे थकान, तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
महिलाएं ज्यादा प्रभावित
लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल महिलाओं को भी प्रभावित कर सकता है. शोध में पाया गया है कि लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को गर्भधारण में समस्या हो सकती है. इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं के लिए लैपटॉप का इस्तेमाल करना और भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान पहुंच सकता है.
किन बातों का रखें ध्यान
अगर आप लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
– लैपटॉप को हमेशा टेबल या डेस्क पर रखकर इस्तेमाल करें.
– लैपटॉप की रोशनी कम करने के लिए स्क्रीन ब्राइटनेस को कम करें.
– रात को सोने से पहले लैपटॉप का इस्तेमाल करने से बचें.
– लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी से बचने के लिए लैपटॉप शील्ड का इस्तेमाल करें.
लैपटॉप एक उपयोगी उपकरण है, लेकिन इसका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए. अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए लैपटॉप के इस्तेमाल को सीमित करना और नियमित रूप से ब्रेक लेना जरूरी है.
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