तनाव के कारण, जाने इससे बचने के उपाय

मान लीजिए की आप सुबह सो कर उठे हैं. फोन पर आपके बॉस का मेसेज पड़ा है, जिसमें ये लिखा है कि आपके कल के काम में कोई बड़ी गलती हो गई है. आपको आज सुबह 10 बजे ही मीटिंग के लिए बुलाया गया है. आप घर से तैयार होकर ऑफिस के लिए निकले हैं, कम समय होने की वजह जल्दी में हैं. मेट्रो स्टेशन पहुंचते ही देखते हैं कि ट्रेन लगी हुई है और आप जल्दी से मेट्रो में घुस जाते हैं. अंदर जाते ही आपको पता चलता है कि आप गलत मेट्रो में चढ़ गए हैं. इतने में आपका दिमाग दरवाजे की तरफ जाता ही है तब तक वो बंद हो जाता है. अब आप ये पता करने में जूट गए हैं कि ट्रेन का अगले स्टेशन कौन सा है और कैसे वहां ट्रेन बदलकर ऑफिस समय से पहुंचा जा सकता है. ये सब करने में आपको कुछ मिनट का समय लगेगा. दिमाग में या बात तेजी से चल रही है अगली ट्रेन कितने देर में पहुंचेगी, ऑफिस देर से पहुंचेंगे तो क्या होगा… आदि आदि. अंत में कुछ मिनटों की देरी में आप ऑफिस पहुंच जाएंगे. वहां पहुंचते ही आपको पता चलता है कि दरअसल वो गलती आपकी थी ही नहीं जिसके लिए आपकी मीटिंग रखी गई थी.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सुबह मैसेज देखने के बाद से, गलत ट्रेन में चढ़ना और ऑफिस लेट पहुंचने तक के बीच में आपके दिमाग पर क्या असर हुआ? इस बीच में आपके दिमाग में जो तनाव हुआ उसका आपके शरीर पर क्या असर हुआ? आइये जानते हैं.

क्या होगा असर?

इस पूरे घटनाक्रम में आपके शरीर में जो कुछ भी हुआ वो सब उस हिरण के शरीर में भी होता है जब तेंदुआ उसका पीछा कर रहा होता है. हमारा दिमाग भी ठीक यही करता है. जब भी तनाव भरी स्थिति आती है तो शरीर सारी ऊर्जा उस स्थिति से निपटने में लग जाता है. ऐसे में उस समय पाचन क्रिया पर ऊर्जा नहीं खर्च होता है, न ही किसी घाव को ठीक करने में होता है. हमारा शरीर इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि ये सबसे पहले तनाव वाली स्थिति से निपटने में लग जाता है. ऐसे में इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि लंबे समय तक तनाव सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है.

कैसे होता है तनाव?

आसान शब्दों में कहें तो तनाव हमारे रोजमर्रा की घटनाओं की वजह से होता है. जैसे- प्रपोजल रिजेक्ट होना, इंटरव्यू देने जाना, फोन गिर जाना, ऑफिस में काम समय पर करना, नौकरी से निकाले जाने की चेतावनी, बाल झड़ना, ब्रेक अप होना, मोटापा बढ़ना, पेट साफ नहीं होना, आदि. ये तनाव शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है.

लक्षण ?

जब महसूस हो की सोचने की शक्ति कम हो गई है, खुद से यकीन कम होने लगता है, दिमाग हर समय डरा रहता है, याद रखने की क्षमता कम होना, दिमाग का एकाग्र न होना, एंग्जायटी होना, बार-बार सुसु जाना, कब्ज होना आदि.

ऐसे करें बचाव?

तनाव अगर शुरुआती स्टेज में है तो उससे आसानी से बचा जा सकता है…
1- नियमित रूप से सुबह टहलें और योग करें.
2- अपने मित्र या परिवार से अपने मन की घबराहट बताएं.
3- अपने लिए समय निकालकर खुद का मूल्यांकन करें.
4- शराब, धूम्रपान और कैफीन से बचें
5- सकारात्मक रहने की प्रयास करें

By kavita garg

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