क्या होता है 'अंतरिम बजट' और कब किया जाता है पेश, यह 'पूर्ण बजट' से कैसे है अलग?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 1 फरवरी 2024 को जो बजट पेश करेंगी वह अंतरिम बजट होगा. आमतौर पर चुनाव से पहले अंतरिम बजट ही पेश होता है. अंतरिम बजट दो स्थितियों में पेश किया जाता है. एक या तो सरकार के पास पूर्ण या आम बजट पेश करने का समय नहीं हो. या फिर तुरंत लोकसभा चुनाव होने वाला हो. इस बार का बजट, अंतरिम बजट इसलिए होगा क्योंकि सरकार को कुछ महीने बाद चुनाव में जाना है. दोनों ही स्थितियों में सरकार नए कारोबारी साल के बचे हुए महीने के लिए खर्च की अनुमति संसद से लेती है. परंपरा के मुताबिक चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी. यह छठा मौका होगा जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. वह अपना पहला अंतरिम बजट पेश करेंगी.

प्रस्तुत किया जाएगा राजस्व-व्यय का अनुमान

मसलन, अभी 2023-24 का बजट जो सरकार ने पेश किया था उसके जरिये सिर्फ 31 मार्च 2024 तक होने वाले खर्च की अनुमति ली गई थी. क्योंकि चुनाव अप्रैल-मई में होना संभावित है. ऐसे में नई सरकार बनने और नया बजट पेश होते-होते जुलाई का महीना आ जाएगा. अंतरिम बजट आम बजट से छोटा होता है. इसमें नई सरकार के गठन तक राजस्व और व्यय के अनुमान को प्रस्तुत किया जाता है. ताकि मार्केट में निवेशकों का भरोसा बना रहे. तो अप्रैल से जुलाई यानी 4 महीने में जो खर्च होने हैं उसकी अनुमति इस बार के अंतरिम बजट के जरिये ली जाएगी. यह बजट तब तक लागू रहता है जब तक कि नई सरकार अपना नया पूर्ण बजट पेश नहीं कर देती है. अंतरिम बजट संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है, इसीलिए उसे वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है. ये 16वां अंतरिम बजट होगा.

इन मौकों पर नहीं हुआ परंपरा का पालन

परंपरा रही है कि अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाती है. फिर भी समय समय पर कई वित्त मंत्रियों ने जरूरत का हवाला देकर अंतरिम बजट में भी बड़ी घोषणाएं की हैं. यूपीए सरकार में जब वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2014-15 में अंतरिम बजट पेश किया था तो एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती की थी. अटल सरकार में 2004-05 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंंत्री जसवंत सिंह ने डायरेक्ट टैक्स में बदलाव का ऐलान जरूर किया था, लेकिन फाइनेंस बिल में बदलाव नहीं किया था. यहां एक बात जान लेना जरूरी है कि कोई कानून सरकार को अंतरिम बजट में बड़ा ऐलान करने से नहीं रोकता है.

पीयूष गोयल ने किया था ये ऐलान

पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत करने की घोषणा की थी. इस योजना के तहत केंद्र सरकार हर साल गरीब किसानों के खाते में 6000 रुपये ट्रांसफर करती है. यह रकम तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये करके दी जाती है. इसके अलावा पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत देने के भी ऐलान किया था. इसके तहत इनकम टैक्स स्लैब में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया था. वहीं, यह भी ऐलान किया गया था कि 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले लोग टैक्स सीमा के दायरे से बाहर रहेंगे.

By kavita garg

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