संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान का, 55 साल की उम्र में निधन

शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान नहीं रहे। मंगलवार को कोलकाता के एक अस्पताल में उन्होंने 55 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वे प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे। दिसंबर से उनकी सेहत बिगड़ने लगी थी। 23 दिसंबर को खबरें आई थीं कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पिछले कुछ दिनों से वे आईसीयू में भर्ती थे और वेंटिलेटर पर थे। शुरुआत में उनका इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में चला, लेकिन बाद में वे कोलकाता लौट आए थे।

उस्ताद राशिद खान का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ। उन्होंने तालीम अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से ली। राशिद खान की पहली मंचीय प्रस्तुति 11 साल की उम्र में थी। वे रामपुर-सहसवान घराने के गायक थे। उन्होंने फिल्मों में भी अपनी आवाज दी। ‘जब वी मेट’ में उनकी गाई बंदिश ‘आओगे जब तुम साजना’ काफी लोकप्रिय रही।

राशिद खान अपने नाना की तरह विलंबित ख्यालों में गाते थे। वे उस्ताद अमीर खां और पंडित भीमसेन जोशी की गायकी से भी प्रभावित थे। संगीतकार के लोकप्रिया गानों की बात करें तो वे इंडस्ट्री में ‘तोरे बिना मोहे चैन’ नहीं जैसा सुपरहिट गाना गाया था। वहीं, वे इंडस्ट्री के किंग यानी शाहरुख खान की फिल्म ‘माई नेम इज’ खान में भी गाना गा चुके हैं। यही नहीं, उस्ताद राशिद खान ‘राज 3’, ‘कादंबरी’, ‘शादी में जरूर आना’, ‘मंटो’ से लेकर ‘मीटिन मास’ जैसी फिल्मों में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके हैं।

संगीत जगत को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध करने वाले उस्ताद राशिद खान को पद्मश्री और पद्मभूषण से नवाजा गया था। राशिद का संगीत करियर 11 साल की उम्र में ही शुरू हो गया था। संगीतकार ने कई बांग्ला गीत भी आए।

By kavita garg

Hello to all of you, I am Kavita Garg, I have been associated with the field of media for the last 3 years, my role here in Ujagar News is to reach all the latest news of the country and the world to you so that you get every information, thank you!