जिन मज़दूरों ने राम मंदिर के निर्माण में भूमिका निभाई है, उनमें से कुछ को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बुलाया गया है. इसके साथ ही ऐसे कारसेवकों को भी निमंत्रण दिया गया है, जिन्होंने कार सेवा के समय 100-100 रुपए का दान दिया था. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह खबर ऐसे समय में आई है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को श्रीरामलला और हनुमान गढ़ी के दर्शन-पूजन के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की.
मकर संक्रांति के बाद शुरू हो रहे प्राण प्रतिष्ठा के वैदिक अनुष्ठानों की जानकारी लेते हुए आदित्यनाथ ने समारोह की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सभी आवश्यक सहयोग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आ रहे गणमान्य जनों को अयोध्या में बेहतर आतिथ्य प्राप्त होना चाहिए. हर अतिविशिष्ट अतिथि के विश्राम स्थल का चयन पूर्व में ही कर लिया जाए. मौसम को देखते हुए ऐसा हो सकता है कि कुछ अतिथि एक-दो दिन पहले ही आ जाएं. ऐसे में उनके रुकने की बेहतर व्यवस्था हो.”
उन्होंने कहा, “अयोध्या में होटल और धर्मशालाएं हैं. होम स्टे की व्यवस्था भी है. टेंट सिटी की संख्या और बढ़ाए जाने की जरूरत है. कुंभ की तर्ज पर अयोध्या में 25-50 एकड़ में एक भव्य टेंट सिटी तैयार कराया जाए.”
आदित्यनाथ ने कहा कि 22 जनवरी के बाद अयोध्या में दुनिया भर से रामभक्तों का आगमन होगा और उनकी सुविधा के लिए पूरे नगर में विभिन्न भाषाओं में दिशासूचक लगाए जाएं. उन्होंने कहा कि ये दिशासूचक संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की छह भाषाओं में हों.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी की शाम को हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाएगा. हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में रामज्योति प्रज्ज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा. सभी सरकारी भवनों की साज-सज्जा कराई जाए. सायंकाल आतिशबाजी के भी प्रबंध किया जाए. आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण हो. इसके लिए मोबाइल वैन, एलईडी स्क्रीन आदि की व्यवस्था की जाए.