पूरा देश राम मंदिर को लेकर उत्साहित है. हर भारतीय इस काम में बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है. अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए उमड़ती भीड़ के साथ मंदिर में चढ़ावे की राशि में भी दिनों-दिन बढ़ोत्तरी होती जा रही है. आपको जानकर शायद हैरानी होगी, कि इस महीने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये के चढ़ावे का आंकड़ा पार हो चुका है. 22 जनवरी को जब रामलला भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे, तो रोजाना करीब एक लाख लोगों के दर्शन के लिए पहुंचने का अनुमान है. इसी के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट दर्शन से लेकर प्रसाद वितरण की व्यवस्था कर रहा है.
नए साल के शुरुआत में ही रोजाना 50 हजार के आसपास श्रद्धालु मंदिर पहुंचे, तो चढ़ावा राशि रोजाना 5 लाख से ऊपर पहुंच गई. इतनी बड़ी चढ़ावा राशि के रखरखाव के साथ इसे बैंक में जमा करने तक की मंदिर ट्रस्ट ने एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई है. इसमें करोड़ों की धनराशि का रोज का कंप्यूटराइज्ड लेखा जोखा भी तैयार किया जाता है.
कैसे गिना जाता है, राम मंदिर का रोज इतना चढ़ावा
अब रोज इतने चढ़ावे को गिनना भी इतना आसान काम नहीं है. मंदिर की चढ़ावा राशि की गिनती और इसका लेखा जोखा तैयार करने वाली टीम के प्रभारी सुभाष चंद श्रीवास्तव बताते हैं, कि जब मंदिर की व्यवस्था ट्रस्ट को हैंडओवर हुई थी तो चढ़ावा राशि करीब 70 हजार रुपये मासिक ही थी. इसमें दिनों-दिन इजाफा हो रहा है और चढ़ावा राशि की रोजाना गिनती से लेकर खाते में जमा करवाने के लिए अकांउट से जुड़ी 14 बैंक कर्मचारियों और मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधियो की टीम काम कर रही है. मंदिर में चढ़ावा राशि के लिए रामलला के सामने एक बॉक्स लगा है. इसी रास्ते पर आगे दो दान काउंटर भी हैं, जहां दान राशि की कंप्यूटराइज्ड रसीद मिलती है. दो अन्य दान काउंटर ट्रस्ट कार्यालय और राम जन्मभूमि पथ पर बनाए गए हैं. दान राशि का लेखा जोखा तैयार कर सालाना ऑडिट करवाने वाला अकाउंट सेक्शन भी कार्यरत है, जिसमें सैलरी पर सीए और कर्मचारी रखे गए हैं.
डबल लॉक में रखे जाते हैं दान के बॉक्स
सुभाष चंद और मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक, चढ़ावा राशि की गिनती मंदिर परिसर में बने एक कमरे में ही होती है. राशि दो बड़े बॉक्स और सात तिजोरीनुमा छोटे बॉक्स में डबल लॉक में रखी जाती है. इसकी एक चाबी स्टेट बैंक के पास और दूसरी ट्रस्ट के पास रहती है. चढ़ावा राशि इतनी ज्यादा रहती है कि महीने भर इसकी गिनती बैंक कर्मचारियों और ट्रस्ट प्रतिनिधियों के सामने सीसीटीवी की निगरानी में चलती रहती है. गिनती के लिए बैंक के 10 कर्मचारी लगाए गए हैं. गिनती पूरी होने के बाद रकम रोजाना बैंक में जमा की जाती है. चढ़ावे में 500, 200, 100, 20 और 10 रुपये के नोटों के साथ काफी संख्या में सिक्के भी होते हैं. सबसे ज्यादा संख्या 100 से 10 रुपये के बीच के नोटों की होती है, लेकिन ज्यादा समय सिक्के गिनने में लगता है. इसके अलावा लोग आभूषण और सोने-चांदी के सिक्के भी चढ़ाते हैं.