भारत सरकार ने देश के एक करोड़ घरों में अगले कुछ महीनों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य तय किया है. सोमवार को पीएम मोदी ने अयोध्या से लौटने के बाद कहा, ‘मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ प्रारंभ करेगी. इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनेगा.’ ऐसे में माना जा रहा है कि अब ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ के तहत यह स्कीम आगे बढ़ेगा. ऐसे में आप भी अपने घरों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं तो यह मौका हाथ से न जानें दें. क्योंकि, इस स्कीम से लोगों की आय तो बढ़ेगी ही साथ में बिजली की भी बचत होगी.
रूफटॉप सोलर प्लांट को लेकर यूपी, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और एमपी जैसे राज्यों में काम शुरू भी हो चुका है, लेकिन लोगों में इस योजना को लेकर कोई विशेष उत्साह देखने को नहीं मिला. केंद्र सरकार की सोलर एनर्जी से जुड़ी नेशनल रूफटॉप स्कीम पहले से ही चली आ रही है. कई राज्य सरकारें इस योजना में अपनी भी सब्सिडी दे रही है. इसके बावजूद यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और एमपी जैसे राज्यों में यह योजना आम लोगों को लुभाने में नाकाम रही है.
आप भी शुरू कर सकते हैं यह बिजनेस
आपको बता दें कि इस योजना के तहत केद्र सरकार 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाने के लिए 40% सब्सिडी देती है. अगर आप 10 किलोवाट क्षमता वाला सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं तो आपको 20% सब्सिडी मिलेगी. काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर के सीनियर प्रोग्राम लीड नीरज कुलदीप के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘भारत में रूफटॉप सोलर स्थापित करने के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं. रिसर्च में तकनीकी रूप से भारतीय घरों में 640 गीगावॉट से ज्यादा रूफटॉप सोलर स्थापित किया जा सकता है. वर्तमान में लगभग 7-8 लाख घरों में रूफटॉप सोलर स्थापित हैं और उन्हें सरकारी पूंजी सब्सिडी कार्यक्रम का लाभ मिला है. इसके चलते लगभग 4 गीगावॉट सोलर क्षमता प्राप्त हुई है.
क्या कहते हैं जानकार
कुलदीप आगे कहते हैं, ‘रूफटॉप सोलर वाले घरों में 12-14 गुना बढ़ोतरी से 20-25 गीगावॉट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी. इससे न केवल राज्यों को बिजली सब्सिडी बचाने, बल्कि विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) की वित्तीय स्थिति को सुधारने में भी मदद मिलेगी.
ऐसे लें सब्सिडी का लाभ
इस योजना को लेकर साल 2022 में एक नेशनल पोर्टल की शुरुआत हुई थी. इस वेबसाइट के माध्यम से आम लोग भी ऑनलाइन आवेदन कर अपने घरों में सोलर प्लांट लगा सकते हैं. इसके लिए आपको जरूरी जानकारी देनी होगी. जैसे- राज्य का नाम, बिजली बिल नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और आप किस बिजली वितरण कंपनी के उपभोक्ता हैं, इसकी जानकारी देनी होगी.
एक करोड़ घरों में लगाने का लक्ष्य
इस योजना के तहत सामान्य कैटेगरी के आवेदकों को 3 किलो वाट तक 18000 रुपये प्रति किलो वाट की सब्सिडी मिल रही है. स्पेशल कैटगरी के आवेदकों को 20000 रुपये प्रति किलो वाट छूट मिल रही है. बता दें कि यह सब्सिडी केवल 10 किलो वाट तक रूफटॉप सोलर प्लांट के लिए है. देश में एक सोलर प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी के बाद तकरीबन 70-80 हजार से एक लाख रुपये तक खर्चा आता है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सब्सिडी के बाद भी आपके पास पैसा नहीं है तो आप बैंक से लोन लेकर भी यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं.
आपने एक बार सोलर पैनल अपने घर के छत पर लगा लिया तो 25 सालों तक मेटेनेंस के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा. हां, 10 साल के बाद बैटरी बदलने के लिए आपको तकरीबन 15-20 हजार रुपये खर्च जरूर करने पड़ेंगे. मान लीजिए कि अगर आप 2 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाते हैं तो 10 घंटे की धूप से करीब 10 यूनिट बिजली रोज निकलेगी. इस हिसाब देखें तो एक महीने में आप 300 यूनिट बिजली का उत्पादन करते हैं. अगर आपके घर का बिजली खर्च 100 यूनिट है तो आप 200 यूनिट हर महीना बचा कर बिजली कंपनियों को बेच सकते हैं. इससे आप हजारों डॉलर कमा सकते हैं.