प्रीति रजक बनीं भारतीय सेना की पहली महिला सूबेदार

भारतीय सेना की मशहूर ट्रैप शूटर हवलदार प्रीति रजक को सूबेदार के पद पर प्रमोट किया गया। सूबेदार प्रीति रजक अब भारतीय सेना की पहली महिला सूबेदार हैं। प्रीति ने 22 दिसंबर 2022 को मिलिट्री पुलिस में सेवा शुरू की थी। सेना ने यह जानकारी शनिवार को दी। प्रीती ने 2022 में चीन में हुए 19वें एशियन गेम्स में ट्रैप वुमन टीम इवेंट में सिल्वर मेडल जाता था। वो फिलहाल पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 की तैयारी के लिए आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (AMU) में ट्रेनिंग ले रही हैं।

सेना का बयान, महिलाओं के लिए गर्व का पल

सेना ने कहा कि भारतीय सेना के साथ-साथ देश की महिलाओं के लिए गर्व का पल है। प्रीति रजक को उनके असाधारण प्रदर्शन के आधार पर सूबेदार के पद पर प्रमोट किया है। उनकी महान उपलब्धि लड़कियों को आर्मी में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।

प्रीति के पिता दीपक ड्राय क्लीनिंग शॉप चलाते हैं

प्रीति के पिता दीपक ड्राय क्लीनिंग शॉप चलाते हैं। मां ज्योत्सना सोशल वर्कर हैं। ज्योत्सना बताती हैं कि एक ऐसा दौर भी आया जब आर्थिक तंगी के चलते बेटियों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में पढ़ाना पड़ा। फिर सोचा कि बेटियों की लाइफ ऐसे खराब हो जाएगी। इसी बीच साल 2015 में पता चला कि मप्र खेल अकादमी बच्चों को खेलकूद के लिए तैयार करती है।

भोपाल अकादमी बेटियों को लेकर गई। बड़ी बेटी शेफाली का चयन हो गया, लेकिन प्रीति सिलेक्ट नहीं हो सकी। अगले साल प्रीति भी सिलेक्ट हो गई। बड़ी बेटी शेफाली अब कोच है। प्रीति इंटरनेशनल लेवल पर देश के लिए खेल रही है।

छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धियां

प्रीति रजक ने महज 15 साल की उम्र में मध्यप्रदेश खेल अकादमी भोपाल में प्रवेश किया। स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन कर भारत का नाम रोशन किया है। उसने इंटरनेशल शूटिंग में ISSF वर्ल्ड कप 2022 कोरिया के चांगवोन में हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप इंडिविजुअल टीम में सिल्वर जीता हैं। जर्मनी में 8 मई से 21 जुलाई 2022 चले जूनियर वर्ल्ड कप में अकेले (इंडीविजुअल) टीम में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाबी दर्ज की है। इतना ही नहीं 11 वें इंटरनेशनल शॉटगन शूटिंग कप में फिनलैंड में भारत का नेतृत्व किया।

शॉटगन के बारे में ये भी जानिए

शॉटगन शूटिंग (Shotgun Shooting) में तीन इवेंट होते हैं। स्किट, ट्रैप और डबल ट्रैप। ये सभी इवेंट आउटडोर होते हैं। खिलाड़ी उड़ती हुई क्ले बर्ड (टारगेट) पर निशाना लगाते हैं। शूटिंग 12 बोर की बंदूक से की जाती है। पिस्टल की शूटिंग भी अलग होती है।

यूं तो डॉ. भीमराव आम्बेडकर को संविधान का निर्माता माना जाता है, लेकिन जिस सभा ने हमारे इस संविधान को आकार दिया, उसमें 299 सदस्य थे। इनमें से 15 महिलाएं भी थीं, जिन्होंने न केवल संविधान को संपूर्ण बनाने में मुख्य भूमिका निभाई, बल्कि उसमें गरीबों, वंचितों, महिला अधिकारों को प्रमुखता से शामिल कराकर किसी भी प्रकार के भेदभाव को खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया

By kavita garg

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