UPI एक ऐसा पेमेंट ऑप्शन है, जिसे भारत के लाखों लोग इस्तेमाल करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूपीआई भुगतान के दायरे को बढ़ाने की बात कर जोर दिया।नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने 10 जनवरी तक अस्पतालों और शैक्षिक सेवाओं के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन सीमा को बढ़ाकर ₹5 लाख करने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले का पालन करने का निर्देश दिया है. इसका मतलब है कि ग्राहक जल्द ही अस्पतालों में मेडिकल बिल या शैक्षिक सेवाओं की फीस जैसे खर्चों के लिए यूपीआई के माध्यम से ₹5 लाख तक का भुगतान कर सकेंगे.
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अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, एनपीसीआई ने बैंकों, भुगतान सेवा प्रदाताओं (पीएसपी) और यूपीआई एप्लीकेशन को बताई गई मर्चेंट कैटेगरी (अस्पताल व शिक्षण संस्थान) के लिए लेनदेन सीमा बढ़ाने का निर्देश दिया है. एनपीसीआई ने स्पष्ट किया है कि ₹1 लाख से ₹5 लाख तक की बढ़ी हुई सीमा केवल “वैरिफाइड मर्चेंट्स” पर लागू होगी.
सर्कुलर हुआ जारी
एनपीसीआई ने सर्कुलर में कहा है, “सदस्यों (पीएसपी और बैंक), यूपीआई ऐप्स, व्यापारियों और अन्य भुगतान प्रदाताओं से अनुरोध है कि वे…अपेक्षित बदलाव करें. सदस्यों से अनुरोध है कि वे 10 जनवरी, 2024 तक इसका अनुपालन सुनिश्चित करें.” व्यापारियों को बढ़ी हुई सीमा के साथ भुगतान मोड के रूप में यूपीआई को सक्षम करना आवश्यक है. अभी, नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा निर्धारित UPI लेनदेन की सीमा ₹1 लाख प्रति दिन है.
एमपीसी बैठक में हुआ था फैसला
पिछली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आरबीआई ने इस बदलाव की घोषणा की थी. इस बीच, यूपीआई प्लेटफॉर्म ने 2023 में 100 बिलियन का आंकड़ा पार कर लिया. पूरे वर्ष में कुल लगभग 118 अरब लेनदेन हुए. एनपीसीआई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में दर्ज किए गए 74 बिलियन लेनदेन की तुलना में यह 60% की वृद्धि है. 2023 में यूपीआई लेनदेन का कुल मूल्य लगभग ₹182 लाख करोड़ था, जो 2022 में ₹126 लाख करोड़ की तुलना में 44% अधिक है.
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