पिछले कुछ समय से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और इस वेरिएंट के बढ़ते जोखिम पर कई तरह के अध्ययन भी किए जा रहे हैं. अब तक जितने भी अध्ययन हुए हैं उसमें यही देखा गया है कि यह तेज़ी से फैल जरूर रहा है लेकिन इसके कारण गंभीर रोगों के विकसित होने का जोखिम कम ही हैं. इस वेरिएंट की अगर वैश्विक स्तर पर बात की जाए तो लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं और हॉस्पिटलाइज़ेशन भी काफी ज़्यादा है. अमेरिका, सिंगापुर जैसे देशों में इस वैरिएंट के कारण तेज़ी से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. यहां अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या काफ़ी ज़्यादा है.
वैश्विक स्तर पर एक नई लहर की आशंका भी जताई जा रही है. भारत की अगर स्थिति की बात की जाए तो दो-तीन दिन से यहां मामलों में कमी दर्ज की गई है और एक्टिव संख्या भी लगातार कम हुई है. कुछ समय पहले 600- 700 से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे लेकिन अब यह घटकर 300 के करीब हो गए हैं. कोरोना के नए वैरिएंट बढ़ने के साथ ही कोरोना की टेस्टिंग ज्यादा से ज्यादा बढ़ा दी गई है और कई राज्यों को निर्देश भी दिए थे कि पूरे तरीके से मॉनिटरिंग और सर्विलांस की जाए और बारीकी से नज़र रखी जाए लेकिन अभी की स्थिति को देखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट्स ने टेस्टिंग को लेकर एक बड़ी बात कही है.
किन परिस्थितियों में कराएं कोविड टेस्ट?
टेस्टिंग को लेकर हर किसी के मन में कई तरह के सवाल आते हैं कि कब टेस्टिंग करानी चाहिए, किन लक्षणों को लेकर टेस्टिंग करानी चाहिए, उसको लेकर डॉक्टर वीनस ने को तमाम सवालों के जवाब दिए हैं. किसी भी वायरस को समझने के लिए इनक्यूबेशन पीरियड को समझना जरूरी है क्योंकि किसी भी वायरस के जो लक्षण है, उसका पता इनक्यूबेशन पीरियड के माध्यम से लगाया जा सकता है. हर संक्रमण के लिए अलग-अलग इनक्यूबेशन पीरियड होता है.
कोरोनावायरस का इनक्यूबेशन पीरियड 4 से 10 दिनों तक का हो सक.ता है. पहले के कोरोनावायरस की तरह इस वेरिएंट से संक्रमण में भी लक्षण देखने में इतना समय लग सकता है. आमतौर पर 6 से 8 दिनों में संक्रमण के लक्षण साफ होने लगते हैं.
अगर 5 दिन में ठीक न हो तो…
अगर किसी को कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं तो इनक्यूबेशन पीरियड का इंतजार करने से टेस्ट रिपोर्ट सही आने की संभावना ज्यादा से ज्यादा होती है और अगर किसी को भी लक्षण नजर आ रहे हैं तो 4 से 6 दिनों के बाद जांच के लिए जाना चाहिए. कोई भी सामान्य वायरस चार से पांच दिनों में ठीक हो जाता है, अगर यह पांच दिनों से ज्यादा ठीक नहीं होता है, तब कोरोना की टेस्ट करने की आवश्यकता होती है.