देश-विदेश के युवा गूगल में नौकरी का सपना देखते हैं. गूगल ऑफिस का कल्चर, लाखों-करोड़ों की सैलरी और छुट्टियों की सुविधा सभी को आकर्षित करने के लिए काफी है लेकिन गूगल में नौकरी हासिल कर पाना आसान नहीं है. गूगल कई चरणों पर परखने के बाद ही किसी को जॉब ऑफर करता है.
गूगल में इन दिनों छंटनी का दौर जारी है. लेकिन कुछ समय बाद ही फिर से हायरिंग भी शुरू हो जाएगी. अगर आप गूगल में नौकरी का अनुभव हासिल करना चाहते हैं तो रिज्यूमे बनाते समय कुछ गलतियों से बचना जरूरी है. गूगल के शिकागो ऑफिस की सीनियर रिक्रूटर एरिका रिवेरा ने एक टिकटॉक वीडियो में बताया है कि गूगल अपने उम्मीदवारों के रिज्यूमे में क्या देखना पसंद करता है
अड्रेस में क्या लिखें?
गूगल रिक्रूटर एरिका रिवेरा ने अपने वीडियो में अड्रेस से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है कई उम्मीदवार अपने जॉब रिज्यूमे में घर का पूरा पता लिख देते हैं, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं होती है. ज्यादातर बड़ी कंपनियां एंप्लॉई के घर का पूरा पता रिज्यूमे में नहीं चाहती हैं. इसलिए बेहतर रहेगा कि आप बस शहर और राज्य की ही जानकारी दें.
वर्क हिस्ट्री में क्या लिखें?
किसी भी नौकरी के लिए अप्लाई करते समय हर किसी का अपना अनुभव होता है कोई फ्रेशर होता है तो कोई 10-20 सालों के अनुभव वाला. रिक्रूटर की मानें तो रिज्यूमे में पूरी वर्क हिस्ट्री लिखने की जरूरत नहीं है. बस उल्लेखनीय कंपनियों व वहां अपनी भूमिका या किसी खास रिसर्च के बारे में लिखना काफी होता है.
कैसे शब्दों का इस्तेमाल करें?
अपने रिज्यूमे में ‘मैंने मदद की,’ ‘मैं इस काम के लिए जिम्मेदार था’ जैसे वाक्य नहीं लिखने चाहिए. रिज्यूमे में एक्टिव वॉयस का इस्तेमाल करें. स्ट्रीमलाइन्ड (streamlined), मैनेज्ड (managed), इम्प्लिमेंटेड (implemented), इम्प्रूव्ड (improved), स्ट्रैटजाइज्ड (strategized), इंक्रीज्ड (increased), प्रोड्यूस्ड (produced) और जनरेटेड (generated) जैसे शब्दों का यूज करें.
सीवी के टॉप पर क्या लिखें?
ज्यादातर उम्मीदवार अपने रिज्यूमे के टॉप पर करियर ऑब्जेक्टिव का जिक्र करते हैं. यह एक बहुत पुरानी प्रैक्टिस है और अब इसे बदलने की जरूरत है. कोई भी कंपनी आपको शॉर्टलिस्ट करते समय आपके ऑब्जेक्टिव नहीं जानना चाहती है. सीवी पर ऑब्जेक्टिव वाला स्पेस बचाकर आप उसे एक पेज में पूरा कर सकते हैं.