लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है. आयुष्मान भारत हेल्थ इंश्योरेंस योजना के तहत कवर को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की मोदी सरकार तैयारी कर रही है. अबतक ये कवर पांच लाख रुपये तक है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि कवरेज में प्रति परिवार 10 लाख रुपये की वृद्धि और लाभार्थी आधार में 100 करोड़ व्यक्तियों की वृद्धि में प्रति वर्ष 12,076 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन शामिल होगा.
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि सरकार अपनी प्रमुख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत बीमा कवर को दोगुना कर 10 लाख रुपये करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने पर काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैंसर और प्रत्यारोपण जैसी गंभीर बीमारियों पर अधिक खर्च होता है. सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस आशय की घोषणा एक फरवरी को अंतरिम केंद्रीय बजट में किये जाने की संभावना है.
कैंसर का इलाज होगा संभव
सूत्रों ने बताया, ‘‘मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि पांच लाख रुपये से अधिक के खर्च की आवश्यकता वाली गंभीर बीमारियों जैसे प्रत्यारोपण और उच्च लागत वाले कैंसर उपचार आदि को भी एबी-पीएमजेएवाई के तहत कवर किया जाए। इसके लिए वित्त वर्ष 2024-25 से ही बीमित राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति परिवार के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने पर काम कर रहा .’’
आयुष्मान भारत के तहत 7,200 करोड़ का बजट
यह योजना 2018 में लागू की गई थी और अबतक 6.2 करोड़ मरीजों ने इसका लाभ लिया है और 79,157 करोड़ रुपये से अधिक राशि का इलाज कराया। अधिकारी ने बताया कि अगर लाभार्थियों ने अपने स्तर पर यह इलाज कराया होता तो खर्च दोगुना तक होता। केंद्र ने वित्तवर्ष 2023-24 के बजट में आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के लिए 7,200 करोड़ रुपये का आवंटन किया था जो 2024-25 में दोगुना कर करीब 15,000 करोड़ रुपये किया जा सकता.
देश में 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड
एबी-पीएमजेएवाई के तहत बने आयुष्मान कार्ड की संख्या 12 जनवरी को 30 करोड़ को पार कर गई थी. सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश 4.83 करोड़ कार्ड के साथ शीर्ष पर है जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र क्रमशः 3.78 करोड़ और 2.39 करोड़ आयुष्मान कार्ड के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। देश के 11 राज्य है जहां पर आयुष्मान कार्ड की संख्या एक करोड़ से अधिक. यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा कार्यान्वित की जा रही। इसका लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपये प्रति परिवार का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना.