बार-बार टॉयलेट जाने की समस्या अगर आपको भी है, तो अच्छे से जांच जरूर दिखाएं. अमेरिका में रहने वाली 32 साल की एक लड़की को यही दिक्कत थी. बार-बार दस्त की वजह से वह एक दिन 10 बार टॉयलेट जाती थी. परेशान होकर डॉक्टरों ने दिखाया, तो उन्होंने कह दिया कि खानपान सुधारो. पर्याप्त फाइबर लो. लेकिन एक दिन ऐसी नौबत आई कि जान जाते-जाते बची.
कुछ भी खा लो, पेट फूल जाता था
रकेल ने एसईएलएफ पत्रिका को बताया, मल कभी पतला, नारंगी लाल होता था तो कभी-कभी खून भी आता था. कुछ भी खा लो, पेट फूल जाता था. यहां तक कि दूध पीने पर भी यह दिक्कत होती थी. पेट और पीठ के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होता था. एक बार तो मैं बेहोश होकर अपार्टमेंट में गिर गई. तब मुझे एहसास हुआ कि कुछ तो गलत हो रहा है. अच्छे अस्पताल जाकर जांच कराई. ऑन्कोलॉजिस्ट से मिलने और लीवर बायोप्सी से गुजरने के बाद डॉक्टरों को पता चला कि ये कोलोरेक्टल कैंसर के क्लासिक लक्षण थे. इसे कोलन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है; यह आंत संबंधी बीमारी होती है.
मतली, कब्ज, दस्त शुरुआत लक्षण
कैंसर इतना बड़ा था कि डॉक्टरों को उसे निकालने में काफी संघर्ष करना पड़ा. कोलोरेक्टल कैंसर बहुत धीमी गति से बढ़ता है. यही वजह है कि रकेल को 20 साल से यह कैंसर था और उसे पता तक नहीं चला. लक्षण तब सामने आए जा यह स्टेज 4 में पहुंच गया. शुरुआत में मतली, कब्ज, दस्त और बाथरूम जाने में कठिनाई हो सकती है. समय से इलाज मिल जाए तो यह ठीक हो भी सकता है, वरना यह जानलेवा है.