सुपरसोनिक जेट, जो 1 घंटे से कम में पहुंचा देगा दिल्‍ली से गोवा

सोचिए आपके पास से 1510 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कोई विमान निकले और आवाज भी न आए तो… अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने ऐसा ही सुपरसोनिक विमान X-59 पेश कर कर दिया है. यह नासा का हाईटेक सुपरसोनिक विमान है. कैलिफोर्निया में पेश हुए इस विमान को लॉकहीड मार्टिन के साथ मिलकर तैयार किया गया है.
कंपनी का दावा है कि जब यह रफ्तार भरेगा तो ऐसी धमाकेदार आवाज नहीं आएगी, जो आमतौर पर सुपरसोनिक विमान से आने की बात कही जाती है. X-59 की तस्वीरें सामने आने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही कॉनकॉर्ड की तरह सुपरसोनिक विमान सेवा शुरू हो पाएगी.

सुपरसोनिक विमान X-59 की 5 बड़ी खासियतें

दिल्ली से गोवा 1 घंटे में सुपरसोनिक विमान X-59 की रफ्तार इतनी तेज है कि एक घंटे के अंदर ही दिल्ली से गोवा तक 1500 किलोमीटर तक का सफर तय किया जा सकता है. वर्तमान में सामान्य विमान से यह सफर तय करने में 2 घंटा 30 मिनट लगते हैं.नासा ने इसको लेकर कई टेस्ट किए हैं जो सफल रहे हैं. हालांकि, इसके डिजाइन में बदलाव करने की योजना बनाई जा रही है ताकि इसमें ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को बैठाया जा सके.

तीन साल से चल रही टेस्टिंग: लम्बे समय से चर्चा थी कि नासा आधिकारिक तौर पर इसे कब पेश करेगा. कैलिफोनिया में पेश होने के बाद इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. नासा का कहना है कि पिछले 3 साल में यह कई बार उड़ान भर चुका है और यह अपनी ताकत को साबित कर चुका है.

ध्वनि से भी तेज सुपरसोनिक विमान की रफ्तार: खास बात है कि नासा के सुपरसोनिक विमान की रफ्तार ध्वनि से भी तेज है. नासा इस प्रोजेक्ट पर 30 सालों से अधिक समय से काम कर रहा था ताकि इसकी आवाज को कम किया जा सके. स्पेस एजेंसी को इसमें सफलता मिल गई है.

इतनी ऊंची भरता है उड़ान: यह सुपरसोनिक विमान आसमान में अधिकतम 55,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरता है. इतना ही नहीं, यह दूसरे विमानों के मुकाबले 75 फीसदी तक कम आवाज करेगा. इसे बनाने में कितना खर्च आएगा, इस पर नासा का कहना है कि इसकी लागत कुल 1755 करोड़ रुपए है. निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन ही इसके नए वर्जन को तैयार करेगी. जिसके बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी.

शुरू हो सकती है कॉनकॉर्ड जैसी उड़ान: नासा का यह विमान सामने आने के बाद अब उम्मीद जगी है कि सुपरसोनिक नागरिक विमान कॉनकॉर्ड जैसी सेवा वापस शुरू हो सकेगी. दरअसल साल 2003 में एक हादसे के बाद इसकी उड़ान पर रोक लगा दी गई थी. यह 2 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलता था. हालांकि, ऐसी सुविधा कब शुरू होगी, नासा ने इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है.

By kavita garg

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