मह‍िला के शरीर में 108 साल पुरानी क‍िडनी, फ‍िर भी कोई दिक्‍कत नहीं,

अंग प्रत्‍यारोपण आज के वक्‍त में कोई चौंकाने वाली बात नहीं. लेकिन डॉक्‍टर भी मानते हैं क‍ि कोई भी प्रत्‍यारोप‍ित अंग 20-30 साल से ज्‍यादा नहीं चल सकता. इसके बाद कुछ न कुछ समस्‍याएं आनी शुरू हो जाती हैं. लेकिन आप जानकर होंगे क‍ि ब्रिटेन में एक मह‍िला के शरीर में 108 साल पुरानी क‍िडनी है. 50 साल पहले मह‍िला की मां ने उन्‍हें क‍िडनी दान की थी, आज भी वह दुरुस्‍त है. उन्‍हें क‍िसी तरह की समस्‍या नहीं. यह देखकर डॉक्‍टर भी स्‍तब्‍ध हैं.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्‍लैंड की रहने वाली सू वेस्टहेड जब 12-13 साल की थीं, तो उन्‍हें किडनी की प्राब्‍लम शुरू हो गई. उसी उम्र में डायलिसिस शुरू की गई और आख‍िरकार 25 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते उसकी क‍िडनी खराब हो गई. डॉक्‍टरों ने प्रत्‍यारोपण की सलाह दी, तो मां एन मेटकाफ ने अपनी एक क‍िडनी उन्‍हें दान कर दी. जुलाई 1973 में रॉयल विक्टोरिया इन्फर्मरी में उनकी सर्जरी हुई. अगर आज उनकी मां होती तो उनकी उम्र 108 साल होती. आप जानकर हैरान होंगे क‍ि सू वेस्टहेड को उनकी मां की क‍िडनी प्रत्‍यारोप‍ित हुए 50 साल हो गए और आज तक उन्‍हें कोई दिक्‍कत नहीं है. उनके शरीर में आज भी 108 साल पुरानी मां की क‍िडनी अच्‍छे से काम कर रगोल्‍डन जुबली एनिवर्सरी मनाने जा रही

डॉक्‍टर यह देखकर हैरान हैं, क्‍योंकि उनका मानना है क‍ि प्रत्यारोपण केवल अधिकतम 20 वर्षों तक चलता है. उधर, सू वेस्टहेड ने इसे मां के बर्थडे की तरह सेल‍िब्रेट करने की तैयारी शुरू कर दी है. वो इस प्रत्‍यारोपण की गोल्‍डन जुबली एनिवर्सरी मनाने जा रही हैं. सू की मां की 1985 में 69 वर्ष की आयु में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. वेस्टहेड ने कहा, जब मेरा ट्रांसप्लांट हुआ तो मैंने सोचा कि अगर मुझे पांच साल मिल जाएं तो मैं बेहद भाग्यशाली रहूंगी. लेकिन मेरी मां और डॉक्‍टरों की बदौलत मैं आज 50 साल बाद भी जिंदा हूं और स्‍वस्‍थ महसूस करती हूं.ही है.

डॉक्‍टर ने देखने के बाद क्‍या कहा…

सू ने बीबीसी से कहा, मेरी मां ने सचमुच मुझे जीवनदान दिया, क्योंकि मैं अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाती अगर वो मुझे क‍िडनी नहीं देतीं. मैं मुश्किल से चल पा रही थी. मेरा रंग पीला हो गया था, लेकिन प्रत्‍यारोपण के बाद अचानक मुझमें गुलाबी चमक आ गई. अगर आप भी अपने प्र‍ियजन के लिए अंगदान करने के बारे में सोच रहे हैं तो जरूर करें. जरा सोचिए कि आप उस व्यक्ति और उसके परिवार को कितनी खुशी देंगे जो डायलिसिस से बंधा हुआ एक दयनीय जीवन जी रहा है. वे सदैव ऋणी रहेंगे. सू वेस्टहेड के डॉक्‍टर नेफ्रोलॉजिस्ट राचेल डेविसन ने कहा, हमने जांच की और वह बिल्‍कुल स्‍वस्‍थ हैं. यह क‍िसी आश्चर्य से कम नहीं. इससे साबित होता है क‍ि प्रत्‍यारोपण क‍िसी को क‍ितनी लंबी जिंदगी दे सकता है.

 

By kavita garg

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